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दारोगा बनने के बाद भी ट्रांसजेंडर मधु की मुश्किलें कम नहीं हुई, गांव के लोगों ने कर दिया बहिष्कार

  • Writer: Seniors Adda
    Seniors Adda
  • Oct 5, 2024
  • 2 min read

पहली ट्रांसजेंडर दारोगा के परिवार को गांव छोड़ने का फरमान, नहीं माने तो की मारपीट

बांका के पंजवारा गांव की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा ने दर्ज कराई है प्राथमिकी


सविता। पटना

क्या फायदा हुआ पुलिस की वर्दी पहनने का। हम समाज से लड़कर पहचान के साथ पढ़ाई की। मेहनत की और आज दारोगा के रूप में चयनित हुई हूं। लेकिन मेरी यह सफलता परिवारवालों को इज्जत नहीं दिला पाई। आज भी समाज कहता है कि तुमलोग ट्रेन में भीख मांगों। पता नहीं समाज कब बदलेगा। यह कहते हुए बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मधु की आंखें झलक जाती है। वह कहती है कानून ने उन्हें सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया है, लेकिन समाज की नजर में हम अभी छक्का और हिजड़ा ही ही है। वह बताती है ट्रांसजेंडर की पहचान के साथ दारोगा बनना मेरे परिवार वालों पर भारी पड़ गया है।



बांका के पंजवारा गांव के लोगों ने उसके परिवार को बहिष्कार करना शुरू कर दिया है। मधु के भाई मुनमुन सिंह का कहना है कि वह अपने घर के बाहर ओटा बना रहा थे, इसी दौरान गांव के लोग आकर मारपीट करने लगे और कहने लगे कि छक्का, हिजरा तुम्हारा भाई है। तुम्हारे घर में कौन शादी करेगा और तुम लोग ट्रेन में भीख मांगों। जब मारपीट और गाली-गलौज का विरोध किए तो और गंदी-गंदी गालियां देने लगे। मामला 26 सितंबर का है।


इस संबंध में ट्रांसजेंडर मधु के भाई ने पंजवारा थाने में 126(2)/115(2)/352/351(2)/329(4)/333/3(5) दर्ज कर 10 नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। मुनमुन सिंह का कहना है कि उनकी गली में सारे लोग ओटा बनाए हुए हैं, लेकिन किसी का विरोध नहीं किया गया। पुलिस के कहने पर वह ओटा तोड़ भी दिए थे, इसके बावजूद मारपीट और बहन को ट्रांसजेंडर बताकर गाली-गलौज करना कहां तक उचित है।


पीड़ित दरोगा का कहना है कि जब से पहचान के साथ सामने आई, लोगों ने परेशान करना शुरू कर दिया, 12 साल से गांव नहीं गई

मां को गांव के कुछ लोग कहते हैं कि कौन कर्म की हो जो हिजड़ा जन्म दी है। जब से मैं अपनी पहचान के साथ सामने आई हूं। तब से लोग परेशान कर रहे हैं। उनके डर से 12 साल से घर से बाहर हूं। लोग कहते हैं कि हिजड़ा वाले गांव में कौन शादी करेगा। गांव का नाम बाहर लेने मत करो। जात से बाहर कर दो।

दोस्ताना सफर की सचिव और नेशनल काउंसिल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन की सदस्य रेशमा प्रसाद ने बताया कि ट्रांसजेंडर एक्ट कहता है कि अगर किसी भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को गाली बनाकर दिया जाता है तो सेक्शन 18 क, ख, ग और घ के तहत छह महीने जेल का प्रावधान है।


डीएम अंशुल कुमार का कहना है कि मामला अतिक्रमण से संबंधित था। दुर्गा पूजा आ रहा है। इसी को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध किया था। घटना के संबंध में जानकारी मिली तो दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया है। शांति समिति की भी बैठक हो चुकी है।

 
 
 

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