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बुढ़ापा का मतलब बेरंग जिन्दगी नहीं, बल्कि पार्टियों में सलीके से सज-संवर जाए

  • Writer: Seniors Adda
    Seniors Adda
  • May 12, 2024
  • 1 min read

बुढ़ापा का मतलब बेरंग जिन्दगी नहीं, बल्कि पार्टियों में सलीके से सज-संवर जाए : प्रोफेसर टोनी शर्मा

वृद्धावस्था का मतलब मौसम के सभी रंगों को खुद में समेटना और जीना होता है। लेकिन कोई भी व्यक्ति जैसे ही 60 की उम्र पार करता है।

खुद को बेरंग बना देता है। लोग क्या कहेंगे यह सोचकर सजना संवरना ही भूल जाते हैं। सूती की महिलाएं सूती या सिल्क की साड़ियों में खुद को लपेट लेती है और पुरुष कुर्ता-पैजामा को राष्ट्रीय पोशाक बना लेते हैं। निफ्ट पटना के संयुक्त निदेशक और फैशन कम्युनिकेशन के प्रोफेसर टोनी शर्मा बताते हैं कि विदेशों में रिटायरमेंट के बाद बुजुर्ग अपने तरीके से जिन्दगी को जीते हैं। अपने शौक को पूरा करने के लिए संगीत, खेल और जॉब करते हैं और फैशन से लबरेज होकर जिन्दगी जीते हैं। बुढ़ापा का मतलब हरगिज नहीं है कि जिन्दगी में कुछ रहा ही नहीं। आप शादी-पार्टी में सलीके से तैयार होकर जाइए और जमकर मजे उठाईए। प्रोफेसर टोनी बताते हैं कि हर इंसान को जिन्दगी का लुत्फ उठाने का अधिकार है। पार्टियों में चमक-धमक यानी आखों को चुभने वाले कपड़े पहनने से परहेज करे, लेकिन सुकून देने वाले कपड़े और ऐसेसिरिज जरूर पहने। थोड़े लूज और कंफर्ट कपड़े पहने, ताकि उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत न हो। गहनों में थोड़े हैवी और राजशाही लुक वाले पहने। पुरुषों को कोर्ट पैंट पहनना चाहिए।

 
 
 

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