मुंगेर की महिलाएं बकरी के दूध से बना रही साबुन और विदेशों में कर रही मार्केटिंग
- Seniors Adda
- Feb 24
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मुंगेर के 255 गांवों की 33 हजार महिलाएं बकरी पालन कर बदल रही किस्मत
बकरी का मीट, दूध, खाद और ब्यूटी प्रोडक्ट बेचकर महीने का कमा रही 20-25 हजार रुपए
सविता। पटना
मुंगेर के 255 गांवों की 33 हजार से अधिक महिलाएं बकरी पालन कर अपनी किस्मत बदल रही हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की महिलाएं बकरी का मीट, दूध के साथ बीट की खाद बनाती ही हैं, लेकिन इससे भी अधिक पैसा बकरी के दूध से साबुन और ब्यूटी प्रोडक्ट बनाकर कमा रही है। महिलाएं हर महीने का 20-25 हजार रुपए तक कमा लेती हैं। अब बकरी के दूध से बने साबुन की विदेशों में मार्केटिंग कर रही है।

बकरी पालन से जोड़ने वाली सेवा गोटिक की सुष्मिता गोस्वामी बताती हैं कि 33 हजार भूमिहीन महिलाओं के लिए बकरी पालन में एक उद्यमिता के रूप में बनाया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं को पशुओं के इलाज, बकरी का मीट बेचने, बकरी के बिट से बने मिगनी खाद और साबुन और ब्यूटी प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। मिगनी खाद में नाइट्रोजन की मात्रा बहुत होती है। बागवानी फसलों की खेती में यह खाद बहुत फायदेमंद होता है।
बकरी के दूध से साबुन बनाने का लिया है प्रशिक्षण
मुंगेर की रहने वाली माया बताती है कि वह कई सालों से बकरी पालन कर थी। मीट और दूध बिक स्थानीय स्तर पर ही बिक जाता है। धीरे-धीरे कई बकरी पालक महिलाएं जुटने लगी और दूध देने लगी। जब दूध ज्यादा इकट्ठा होने लगा तो खरीदार कम पड़ गए। उसी समय में हमलोगों को दूध से साबुन और ब्यूटी प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मिली। ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों से समझौता कर साबुन बनाना सिखा। धीरे-धीरे कई महिलाएं दूध से साबुन बनाने की विधि सीख ली। आज के समय में 9 महिलाएं साबुन और ब्यूटी प्रोडक्ट बनाना सीख चुकी है।
मुंगेर की कटरिया की गांव की सुलोचना देवी, पूजा देवी, संगीता देवी, माया देवी, आफरीन, ज्ञान देवी, भारती देवी, पार्वती देवी और रेखा देवी साबुन बनाने का काम कर रही है। 100 से अधिक महिलाएं साबुन की मार्केटिंग करती है। महिलाएं बताती हैं कि उनके द्वारा बनाया गया साबुन मुंगेर में ही बिक जाता है। संगीता देवी बताती है कि बकरी पालन से उनको पशु सखी के रूप में पहचान मिली है। उनके पति बाहर काम करते हैं। इसलिए घर की सारी जिम्मेवारी उठानी पड़ती है। पहले दूसरे के खेतों में मजदूरी करती थी, अब बकरी पालन कर कई महिलाओं को पशु सखी बना रही है और दूध से साबुन बनाकर देश के कोने-कोने में जाने का मौका मिल रहा है।
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